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फल-मेवे ज्यादा खाने लगे हैं लोग, पान-तंबाकू पर भी बढ़ाया खर्च; जानें किस चीज की खरीद हो रही कम

 फल-मेवे ज्यादा खाने लगे हैं लोग, पान-तंबाकू पर भी बढ़ाया खर्च; जानें किस चीज की खरीद हो रही कम


गांव व शहर के परिवार में होने वाले उपभोग खर्च का अंतर भी कम हो रहा है। वर्ष 2011-12 में शहर व गांव के व्यय में 84 प्रतिशत का अंतर था जो अब 70 प्रतिशत रह गया है। 2011-12 में औसत भारतीय उपभोग व्यय का 53 प्रतिशत खाने पर खर्च करते थे जो 2023-24 में 47 प्रतिशत रह गया है।

ग्रामीण गैर खाद्य पदार्थों पर 52 प्रतिशत खर्च करते हैं।

 आम भारतीय अनाज, चीनी व नमक जैसे आइटम पर अपने खर्च को कम कर रहे हैं तो फल, सूखे मेवे व दूध जैसे आइटम पर उनका खर्च बढ़ रहा है। बेवरेज व प्रोसेस्ड फूड आइटम शहर के साथ गांवों में भी सबसे अधिक खर्च किए जा रहे हैं। उपभोग व्यय में पान-गुटका एवं अन्य तंबाकू पदार्थों की हिस्सेदारी बढ़ रही है।


शुक्रवार को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से वर्ष 2023-24 के लिए प्रति व्यक्ति मासिक उपभोग व्यय की जारी रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक गांव में प्रति व्यक्ति मासिक उपभोग व्यय 4122 रुपए तो शहर में 6996 रुपए है। वर्ष 2022-23 की तुलना में उपभोग व्यय में गांव में नौ प्रतिशत व शहर में आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।


ग्रामीण इलाके में खाद्य पदार्थ पर होने वाले खर्च में हिस्सेदारी (प्रतिशत में)
खाद्य पदार्थ 2011-12 2022-23 2023-24
अनाज 10.69 4.89 4.97
दाल 2.76 1.77 1.78
चीनी-नमक 1.83 0.93 0.89
सूखे मेवे 0.58 1.17 1.19
दूध 8.04 8.33 8.44
बेवरेज-प्रोसेस्ड फूड 7.90 9.62 9.84
गांव व शहर के परिवार में होने वाले उपभोग खर्च का अंतर भी कम हो रहा है। वर्ष 2011-12 में शहर व गांव के व्यय में 84 प्रतिशत का अंतर था जो अब 70 प्रतिशत रह गया है। 2011-12 में औसत भारतीय उपभोग व्यय का 53 प्रतिशत खाने पर खर्च करते थे जो 2023-24 में 47 प्रतिशत रह गया है। उपभोग व्यय के आंकड़ों की तुलना करने पर पता चलता है कि गांव व शहर दोनों जगहों पर अनाज, चीनी व नमक की खरीदारी पर होने वाले खर्च में कमी आई है।

दूध व दुग्ध उत्पाद, सूखे मेवे पर लोग अधिक खर्च तो कर रहे हैं। गांव व शहर दोनों जगहों पर दाल पर खर्च में कमी आई है, लेकिन बेवरेज व प्रोसेस्ड फूड पर खासा खर्च हो रहा है। शहरी लोग अपने कुल उपभोग व्यय का 60.32 प्रतिशत गैर खाद्य पदार्थों पर करते हैं। ग्रामीण गैर खाद्य पदार्थों पर 52 प्रतिशत खर्च करते हैं। गैर खाद्य पदार्थों में शहरी लोगों का सबसे अधिक खर्च यातायात पर होता है और यह खर्च लगातार बढ़ रहा है। शहरी लोग 13 प्रतिशत व्यय मकान किराए व मनोरंजन पर करते हैं।'

उपभोग व्यय में बिहार सबसे पीछेउपभोग व्यय में बिहार सबसे पीछे है। तेलंगाना, तमिलनाडु जैसे राज्यों में ग्रामीण उपभोग व्यय भी बिहार, झारखंड व उत्तर प्रदेश के शहरी उपभोग व्यय से अधिक है। बिहार में प्रति व्यक्ति मासिक शहरी उपभोग व्यय 5080 है जबकि तेलंगाना व तमिलनाडु का ग्रामीण मासिक व्यय क्रमश: 5435 व 5701 रुपए हैं। उत्तर प्रदेश का शहरी मासिक व्यय 5395 तो झारखंड का 5393 है। दिल्ली में शहरी इलाके में उपभोग व्यय 8534 व ग्रामीण इलाके में 7400 रुपए हैं।

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