प्रत्यर्पण से कैसे बच सकती हैं शेख हसीना? बांग्लादेश के पूर्व राजदूत ने बताया क्या है विकल्प
प्रत्यर्पण से कैसे बच सकती हैं शेख हसीना? बांग्लादेश के पूर्व राजदूत ने बताया क्या है विकल्प
बांग्लादेश की अंतरिम युनूस सरकार ने भारत को नोट लिखकर शेख हसीना की वापसी की मांग की है। इसको लेकर बांग्लादेश में भारत के राजदूत रहे महेश सचदेव का बयान सामने आया है। महेश सचदेव ने कहा-पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोधों से लड़ने के लिए अदालतों में जा सकती हैं। इसके अलावा उन्होंने अन्य विकल्प भी बताए हैं।
बांग्लादेश ने की शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग (फोटो-जागरण)
बांग्लादेश ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग के लिए भारत को पत्र लिखा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने इस बात की पुष्टि की है। रणधीर जयसवाल ने बताया, शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक नोट भेजा है। फिलहाल नई दिल्ली से इस नोट का कोई जवाब नहीं दिया गया है।
वहीं शेख हसीना प्रत्यर्पण के खिलाफ क्या उपाय अपना सकती है, बांग्लादेश में भारत के राजदूत रहे महेश सचदेव ने इस बात का जिक्र किया है। बांग्लादेश में पूर्व राजदूत ने सोमवार को इस बात पर प्रकाश डाला कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोधों से लड़ने के लिए अदालतों में जा सकती हैं।
पूर्व राजदूत ने बताया आसान तरीका एएनआई के साथ एक विशेष इंटरव्यू में, सचदेव ने कहा,
जिस तरह भारत के प्रत्यर्पण अनुरोधों को अन्य यूरोपीय देशों ने विभिन्न चेतावनियों पर खारिज कर दिया था, उसी तरह शेख हसीना भी कह सकती है कि उसे अपनी सरकार पर भरोसा नहीं है और उसके साथ गलत व्यवहार होने की संभावना है। सचदेव ने बताया इसके अलावा भारत भी राजनीतिक कारणों के चलते प्रत्यर्पण को खारिज कर सकता है।
प्रत्यर्पण संधि पर 2013 में किए गए थे हस्ताक्षर
भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि पर शुरुआत में 2013 में हस्ताक्षर किए गए और 2016 में संशोधित किया गया, यह एक रणनीतिक उपाय था जिसका उद्देश्य दोनों देशों की साझा सीमाओं पर उग्रवाद और आतंकवाद के मुद्दे को संबोधित करना था।
महेश सचदेव ने कहा, अधिकारियों ने आज सार्वजनिक रूप से उल्लेख किया है कि इस विशेष अनुरोध पर भारत को एक नोट वर्बल दिया गया है जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश में उसे न्याय का सामना करने की आवश्यकता है।
क्या है अन्य उपाय?बांग्लादेश के साथ हमारी प्रत्यर्पण संधि है, मेरा मानना है कि इसकी शर्तें लागू होंगी।
भारत और बांग्लादेश के अधिकारी इस मुद्दे पर संपर्क में हैं और उन्होंने इन संभावनाओं पर चर्चा की होगी।
शेख हसीना के प्रत्यर्पण की बांग्लादेश से मांग नई नहीं है।
अगस्त में उनके चले जाने के बाद से समय-समय पर इसका उल्लेख किया जाता रहा है।
भारत में कितना समय तक हैं शेख हसीना?
सचदेव ने कहा कि यह तय नहीं किया जा सकता कि वह यहां भारत में कितने समय तक रहेंगी, क्योंकि शरणअनुरोध राजनीतिक आधार पर तय किए जाते हैं और कोई निर्धारित नियम नहीं हैं।
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